जुदाई का पल अक्सर एक लड़की लड़की के ही जीवन में आता है ,
हर बार उसे उसके माता - पिता से अलग कर दिया जाता है ,
जिसे उसके माता - पिता इतने लाड - प्यार के साथ बड़े ही ,
नाजों से पलते - पोसते हैं , उसकी हर ख्वाहिश को , उसकी हर चाहत को ,
और उसकी साड़ी छोटी - बड़ी इच्छाओं को पूरा करते हैं , उसको पढ़ाते हैं , लिखाते हैं ,
उसे इस समाज में रहने के काबिल बनातें हैं , उस पर अपना ढेर सारा प्यार लुटाते हैं ,
एक बेटी भी अपने माता - पिता से बहुत प्यार करती है , अपने घर से भी बहुत प्यार
करती है , अपने परिवार को वो इतना चाहती है की वो उनके बिना कभी भी नहीं रह सकती .........
बचपन से लेकर कई सालों तक वो अपने घ्जर में अपने माता - पिता , अपने भाई - बहनों ,
के साथ रहती है , कहलती- कूदती है , कितना ढेर सारा वक्त बिताती है , जब वो अपने ,
भाई - बहनों के साथ खेल - खेल में लडती - झगडती है तो उसके मम्मी - पापा हमेशा
उसे प्यार से या फिर डांटकर लड़ने से मना करते हैं , कभी - कभी वो डांट की वजह
से नाराज भी हो जाती है , लेकिन फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर से वैसे खेलने लगती है
ये सारी बातें एक बेटी अपने मम्मी - पापा के साथ रहकर उनकी देख - रेख में करती है ,
उसको सारे अच्छे संस्कार उसके माता - पिता से मिलते हैं , उसके माता - पिता ही उसको हर
सही और गलत बात में अंतर करना सिखाते हैं , उसे हमेशा अच्छी सीख देते हैं , इतना सब
कुछ करने के बाद भी वही बेटी जब बड़ी होती है तो उसके माता - पिता जो उसे हर काबिल बनाते हैं ,
इतना ढेर सारा प्यार उस पर न्योछावर करते हैं , उसकी शादी करके किसी और के घर भेज देते हैं ,
ऐसे घर में जिसे वो कभी भी नही जानती है , जिस घर से उसका कोई भी सम्बन्ध नही होता ,
उस बेटी के माता - पिता को भी ये सब करते समय बहुत दुःख होता है , उनकी आँखों से भी आंसू
निकलते हैं , बेटी को भी बहुत दुःख होता है , वो अपने घर की हर चीज को बहुत याद करती है ,
जिसने इतने साल अपने प्यारे मम्मी - पापा के साथ बिताये , जिसे उनसे इतना प्यार और ,
दुलार मिला , आज वही घर उसे छोड़ना पड़ता है , तो उसे बहुत दुःख होता है ,
आखिर क्यों होता है ऐसा - की जब एक बेटी के माता - पिता को उसकी शादी करने पर
इतना दुःख होता है , तो फिर एक बेटी को उसके माता - पिता और उसके परिवार से जुदा
क्यों किया जाता है - क्यों आखिर क्यों ???? ...................
" प्रियंका त्रिवेदी "
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