मैंने आज एक बहुत प्यारा सपना देखा .......
मैंने देखा की मौसम बड़ा सुहाना था ......चारों तरफ हरियाली ही हरियाली थी .....
प्रकृति का नजारा बड़ा ही प्यारा और दिल को सुकून देने वाला था ,,,
कोयल के वो सुरीले गीत वो फूलों की प्यारी खुशबू वो हवाओं की सनसनाहट ,,
वो झरनों का बहना ,, वो भौरों का भुनभुनानना , ये सब मन को बहुत ही अच्छा लग रहा था ...
मुझे बड़ा आनंद आ रहा था ... मुझे ऐसा लग रहा था, मानो आज मुझे प्रकृति के साक्षात् दर्शन
हो गए हों !!!!!
बड़ा सुकून मिल रहा था की अचानक मेरी आँख खुल गयी , और तब मुझे अहसास हुआ ,
की नहीं ये सब कुछ भी सही नहीं था , बस मेरा एक सपना ही था .....
जो की अब टूट चुका था , मुझे कोई प्रकृति के कोई दर्शन नहीं हुए थे ...
वो सब बस मेरा एक भ्रम था ,, जो अब चूर - चूर होकर बिखर चुका था ........
ये सोचकर मुझे बहुत दुःख हुआ ... लेकिन मैंने हार नहीं मानी ,,,,,
और अपने उस सपने को सच करने के लिए प्रयास करती रही ....
ताकि कभी तो मेरा वो सपना पूरा हो सके !!!!!!!!!
"प्रियंका त्रिवेदी"
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