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ये किधर चला तू .......

ग़मगीन करके  सारा जहां
तोड़ कर सारी बन्दिशें
छोड़ करके मुझे यूँ तन्हा
बिखेर कर ख्वाबों के शामियाने
चल दिया तू खुद से ही दूर
देने चला था तू मुझे ख़ुशी देने
बदले में खुद को ही गम दे गया
 खुद को ही गम दे गया !!


"प्रियंका त्रिवेदी"


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vedna.............

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