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निश्छल प्रेम ....................



हम जी रहे  हैं , अपनी इस ज़िन्दगी में ,
क्योंकि वो खुश हैं , हम खुश हैं क्योंकि वो मुस्कुरा रहे हैं ......
उनकी एक मुस्कराहट के लिए हम छोड़ दें ये दुनिया ,,
उनकी अपनेपन की छाव में हम बहुत आनंद उठा रहे हैं
कितना प्यार है , उनके मन में हमारे लिए ,
कितने इज्जत है , हमारे मन में उनके लिए ,,,,
कोई स्वार्थ नहीं उनके प्यार में , कोई छल नहीं उनके लिए हमारे प्यार में .....
उनकी जगह नहीं ले सकता कोई और हमारे दिल में .
हमारी जगह भी नहीं ले सकता कोई और उनके दिल में ....
हम बहुत सहज महसूस करते हैं अपने आपको उनके प्यार के साए में ....
कितनी उम्मीदें हैं उन्हें हमसे , हम भी नहीं करना चाहते मायूस उन्हें ..
उन्हें नहीं चाहते हम दुखी देखना , वो भी नहीं चाहते कभी हमें दुखी देखना ...
हमारी दिली तमन्ना है की वो सदा यूँ ही मुस्कुराते रहे ....
जो भी चाहें जीवन में पाते रहें , .......
और हम भी उन्हें खुश देखकर यूँ ही जिन दगी बिताते रहें ....
DEDICATED TO ALL MY IDEALS & WELL WISHERS IN MY LIFE .......

"प्रियंका त्रिवेदी "

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खुदा की इनायत...... 😘😘

आपसे मिले ये खुदा  की इनायत थी , आपने चाहा ये  हमारी शौहरत  थी , आपको पाया हमारी   बरक्कत थी , कोई नहीं इस जग में हम सा खुशनसीब , जिसके पास आपसे प्यारी दौलत थी , मिलें  आपको दुनिया की हर एक खुशियाँ , खिलखिलाता रहे घर आँगन आपका सदा , बस इतनी ही है दुआ रब से, आपके  दिल के छोटे से कोने में हो घर अपना। ….. -प्रियंका त्रिवेदी

vedna.............

वेदना हमारी अंतर्मन की दशा और भावो को व्यक्त करती है,,,,,,,, ये हमारी शारीरिक और मानसिक स्थितियों को प्रकट करती है........ हमारी वेदना किसी भी स्थिति में बदल सकती है......... कभी-कभी तो ये खुद के दुखो के कारण होती है और कभी तो बिना किसी कारण के भी हो सकती है पर हर परिस्थिति में इसके कारण अलग-अलग होतें है अपनों को दुःख में देखकर हमारी ये वेदना भी बढ़ जाती है हम अपने अपनों को दुःख में देखकर मनं ही मन में रोते हैं और सोचते हैं की काश ये सारे दुःख और कष्ट हमारे अपनों से दूर हो जाएँ और उन्हें सारी खुशियाँ मिल सकें हमारे परिवार वालों को......................... और कभी ये वेदना तो दूसरे के सुखों को देखकर ईर्ष्या के भावों के साथ हमारे दिल में होती है,,,,,,, पर इस प्रकार की वेदना से हमें कभी भी सुख नहीं मिल सकता है हमें बल्कि ये हमारे लिए और भी दुखदायी हो जाती है........ ऐसी वेदना से हमारी बुद्धि का सर्वनाश भी हो सकता है और इस तरह की वेदना से घिरकर हम दिन प्रतिदिन अपने अस्तित्व को खोते जातें हैं और कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं,,,,,,,,, इसलिए जहाँ तक हो सके हमें इस प्रकार की व

ummedo ke jharokhe se

उम्मीद क्या है? उम्मीद ही तो है जिस पर चलकर आजतक ये दुनिया कायम है,, एक उम्मीद ही तो है वो जिसने हमें जीना सिखाया ,                                                                   उम्मीद की राह पर चलकर ही तो आज ये दिन है , "स्वतंत्रता दिवस"!!!!!!!!!!!!!!!! उम्मीद की राह पर चलकर ही तो आज हम,, "स्वतंत्र रास्त्र के नागरिक हैं" और हमें गर्व होना चाहिए आज हमारे  ६५वे स्वतंत्रता दिवस पर इस स्वतंत्र देश के नागरिक होने पर ये हमारे  और हमारे देश दोनों के, लिए बड़े सम्मान की बात है हमें उम्मीद थी की हम एक न एक दिन जरुर आजाद होंगे हमें इन अंग्रेजो, उनकी हुकूमत और गुलामी से आजादी , और उनके तानाशाही राज्य से स्वतंत्रता मिल कर ही रहेगी और हमारी उम्मीद बिलकुल ठीक थी आज हम स्वतंत्र हैं अंग्रेजों और उनके चुंगल से ये सब हमारी उम्मीदों के साथ न छोड़ने की ही वजह  से ही है तो हमें कभी भी उम्मीद का साथ नहीं छोड़ना चाहिए "बस यही है उम्मीद" अब मुझे आप लोगों से यही उम्मीद है की आप कभी भी इस उम्मीद का  साथ नही छोड़ेंगे!!!!!!!!!! आज स्वतंत्रता दिवस पर