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Showing posts from August, 2012

आज क्या लिखूं ...............

क्या लिखूं मैं आज ????? आज मेरे शब्दों को ये क्या हो गया है .. शब्द मिट गये हैं , रास्ता खो गया है जो न सोचा था कभी ये वही हो गया है आज मेरे शब्दों को ये क्या हो गया है ..  नहीं  मिल रही  हैं शब्दों को आज उनकी मंजिल ,  विव्हल हैं  ये  शब्द आज ऐसे जैसे रो रहे हो  जाने पे किसी के ... कैसी लगी नज़र इनको ऐसी .. टूट कर बिखर गये हों जैसे ,,, आज मेरे शब्दों को ये क्या हो गया है .. मंजिलें भी नयी हैं रास्ता भी नया  है आज मेरे शब्दों को ये क्या हो गया है ..??????? ये क्या खो गया है ..... ये क्या खो गया है?????? "प्रियंका त्रिवेदी" POSTED ON 07-08-12 AT 11:37 P.M.

माँ ...............

" काँटों पर चलकर जिसने फूलों का आशियाना सजाया , शोलों पर चलकर जिसने हमें अंगारों की तपन से बचाया , खुद को भूलकर जिसने हमें जीना सिखाया , बारिश में भीगकर जिसने हमें , धूप से छिपाया , वो कौन है ?????? वो माँ है , माँ है .... हम सबकी दुलारी माँ हैं .................. "प्रियंका त्रिवेदी "