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काँटों पर चलकर जिसने फूलों का आशियाना सजाया ,
शोलों पर चलकर जिसने हमें अंगारों की तपन से बचाया ,
खुद को भूलकर जिसने हमें जीना सिखाया ,
बारिश में भीगकर जिसने हमें , धूप से छिपाया ,
शोलों पर चलकर जिसने हमें अंगारों की तपन से बचाया ,
खुद को भूलकर जिसने हमें जीना सिखाया ,
बारिश में भीगकर जिसने हमें , धूप से छिपाया ,
वो कौन है ??????
वो माँ है , माँ है ....
हम सबकी दुलारी माँ हैं ..................
"प्रियंका त्रिवेदी"
वो माँ है , माँ है ....
हम सबकी दुलारी माँ हैं ..................
"प्रियंका त्रिवेदी"
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