अर्ज़ किया है … ज़रा गौर फरमाईयेगा … कि राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती …. और पांच रुपये की सियासी खिचड़ी से भूखों की भूख माफ़ नहीं होती … - प्रियंका त्रिवेदी …
प्यार को , प्यार से ,प्यार के लिए , प्यार पर , कुर्बान कर देना ही प्यार है TO DEDICATE THE LOVE , BY LOVE, FOR LOVE, ON LOVE IS THE LOVE ..... - प्रियंका त्रिवेदी
राह - ए - मोहब्बत की मन्जिल दरकिनार नहीं होती , जूनून - ए - मोहब्बत की राह खुशगवार नहीं होती , यूँ तो तमाम अडचनें आती हैं मोहब्बत की राह में , पर वो मोहब्बत ही क्या जो राह - ए - बंदिशों से गुलज़ार नहीं होती , सच्चे प्यार की कभी हार नहीं होती , क्योंकि सच्ची मोहब्बत अधिकार जताने का नाम नहीं होती !! -प्रियंका त्रिवेदी
ग़मगीन करके सारा जहां तोड़ कर सारी बन्दिशें छोड़ करके मुझे यूँ तन्हा बिखेर कर ख्वाबों के शामियाने चल दिया तू खुद से ही दूर देने चला था तू मुझे ख़ुशी देने बदले में खुद को ही गम दे गया खुद को ही गम दे गया !! "प्रियंका त्रिवेदी"
ना दिन हो ना रात हो यादों की बारात हो बस तुमसे बारात की ही एक फ़रियाद हो दिल में हसरतें बेशुमार हों ना चैन हो ना करार हो छा जाए दिल में ख़ुशी जब तेरा दीदार हो ........... - प्रियंका त्रिवेदी
ऐसा क्यूँ होता है?? बगिया खिलने से पहले ही फूल मुरझा जाते हैं दुनिया रौशन होने से पहले ही अँधेरा हो जाता है , खुशियाँ आने से पहले ही गम छा जाता है दिल जुड़ने से पहले ही टूट जाता है अरे ज्यादा इमोशनल होने वाली बात नहीं है सब महंगाई का असर है :) :) हर इमोशन टाइम टाइम पर चेंज होता रहता है रिसेशन का टाइम है यार तो इमोशन भी महंगे हो गये हैं ............... "प्रियंका त्रिवेदी"