अर्ज़ किया है … ज़रा गौर फरमाईयेगा … कि राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती …. और पांच रुपये की सियासी खिचड़ी से भूखों की भूख माफ़ नहीं होती … - प्रियंका त्रिवेदी …
प्यार को , प्यार से ,प्यार के लिए , प्यार पर , कुर्बान कर देना ही प्यार है TO DEDICATE THE LOVE , BY LOVE, FOR LOVE, ON LOVE IS THE LOVE ..... - प्रियंका त्रिवेदी