Skip to main content

vedna.............

वेदना हमारी अंतर्मन की दशा और भावो को व्यक्त करती है,,,,,,,,

ये हमारी शारीरिक और मानसिक स्थितियों को प्रकट करती है........

हमारी वेदना किसी भी स्थिति में बदल सकती है.........

कभी-कभी तो ये खुद के दुखो के कारण होती है और

कभी तो बिना किसी कारण के भी हो सकती है पर

हर परिस्थिति में इसके कारण अलग-अलग होतें है

अपनों को दुःख में देखकर हमारी ये वेदना भी बढ़ जाती है

हम अपने अपनों को दुःख में देखकर मनं ही मन में

रोते हैं और सोचते हैं की काश ये सारे दुःख और कष्ट

हमारे अपनों से दूर हो जाएँ और उन्हें सारी खुशियाँ

मिल सकें हमारे परिवार वालों को.........................

और कभी ये वेदना तो दूसरे के सुखों को देखकर

ईर्ष्या के भावों के साथ हमारे दिल में होती है,,,,,,,

पर इस प्रकार की वेदना से हमें कभी भी सुख

नहीं मिल सकता है हमें बल्कि ये हमारे लिए

और भी दुखदायी हो जाती है........ ऐसी वेदना

से हमारी बुद्धि का सर्वनाश भी हो सकता है

और इस तरह की वेदना से घिरकर हम दिन

प्रतिदिन अपने अस्तित्व को खोते जातें हैं

और कभी भी सफल नहीं हो सकते हैं,,,,,,,,,

इसलिए जहाँ तक हो सके हमें इस प्रकार

की वेदना से खुद को बचाने की कोशिश

 करनी चाहिए............. और अपनों के सुखों

को देखकर ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए!!!!!!!!!!!

क्योंकि ऐसी वेदना  हमारा रास्ता खो जाता है

और हम अपने लक्ष्यों से दूर होतें जातें हैं'

और हमारे अंदर अनेकों बुराइयाँ जन्म लेने

लगती हैं..........................................................

"तो आप खुद ही सोचिये की क्या अपने

लक्ष्यों और आपके परिवार से जुडी आपकी

उम्मीदों से दूर होकर उन्हें खोकर अपने

अस्तित्व को ही खो देना ,,,,,,,

क्या ये ठीक है??????????????"

शायद नहीं और ये कभी सही हो भी नहीं सकता,,,.

"जो ख़ुशी हमे अपने अपनों के सुखों को देखकर

हमारी आँखों के रास्ते झलकती है", वो ख़ुशी,,,,,,,,,,,

 हमे कभी भी दूसरों के सुखो और उनकी खुशियों

को देखकर  दुखी होने में कभी भी नहीं मिल

सकती है,,,,,,,,,,,, तो  हमें दूसरों की ख़ुशी,,,,,

में खुश होकर उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए,

और अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए

रणनीति बनानी चाहिए, ताकि उन लक्ष्यों

को प्राप्त करके हम अपनों को और

उनकी हमसे जुडी उम्मीदों को ख़ुशी ,,,,,,,

देकर हम अपनी भी एक अलग पहचान

बना सकें,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

"पर तब भी ये वेदना किसी न किसी रूप

में हमारे साथ तो जरुर रहेगी" .......... क्योंकि

ये भी हमारी जिंदगी का एक अभिन्न अंग है!!!!

"यही है हमारी वेदना "



















































































































































































































































































































Comments

Shahid Ajnabi said…
vedna ke bare men achchha likha...
THANK U SO MUCH SIR FOR YOUR MOST PRECIOUS TIME GIVEN FOR MY POST........ THANX SIR..........
"जो ख़ुशी हमे अपने अपनों के सुखों को देखकर
हमारी आँखों के रास्ते झलकती है", वो ख़ुशी,,,,,,,,,,,
हमे कभी भी दूसरों के सुखो और उनकी खुशियों
को देखकर दुखी होने में कभी भी नहीं मिल
सकती है,,,,,,,,,,,, !
सार्थक अभिव्यक्ति ....आपका आभार
thanx so much to u.........
Anonymous said…
well it's awesome............the way you realise the deep sense.......that's nice.....go on......
ANKIT TRIPATHI..
thanx to all of u 4 giving very precious time 4 my post ......... thanx a lot.............
divyanshu said…
bhut achha likha hai diiiiii.....

Popular posts from this blog

खुदा की इनायत...... 😘😘

आपसे मिले ये खुदा  की इनायत थी , आपने चाहा ये  हमारी शौहरत  थी , आपको पाया हमारी   बरक्कत थी , कोई नहीं इस जग में हम सा खुशनसीब , जिसके पास आपसे प्यारी दौलत थी , मिलें  आपको दुनिया की हर एक खुशियाँ , खिलखिलाता रहे घर आँगन आपका सदा , बस इतनी ही है दुआ रब से, आपके  दिल के छोटे से कोने में हो घर अपना। ….. -प्रियंका त्रिवेदी

ummedo ke jharokhe se

उम्मीद क्या है? उम्मीद ही तो है जिस पर चलकर आजतक ये दुनिया कायम है,, एक उम्मीद ही तो है वो जिसने हमें जीना सिखाया ,                                                                   उम्मीद की राह पर चलकर ही तो आज ये दिन है , "स्वतंत्रता दिवस"!!!!!!!!!!!!!!!! उम्मीद की राह पर चलकर ही तो आज हम,, "स्वतंत्र रास्त्र के नागरिक हैं" और हमें गर्व होना चाहिए आज हमारे  ६५वे स्वतंत्रता दिवस पर इस स्वतंत्र देश के नागरिक होने पर ये हमारे  और हमारे देश दोनों के, लिए बड़े सम्मान की बात है हमें उम्मीद थी की हम एक न एक दिन जरुर आजाद होंगे हमें इन अंग्रेजो, उनकी हुकूमत और गुलामी से आजादी , और उनके तानाशाही राज्य से स्वतंत्रता मिल कर ही रहेगी और हमारी उम्मीद बिलकुल ठीक थी आज हम स्वतंत्र हैं अंग्रेजों और उनके चुंगल से ये सब हमारी उम्मीदों के साथ न छोड़ने की ही वजह  से ही है तो हमें कभी भी उम्मीद का साथ नहीं छोड़ना चाहिए "बस यही है उम्मीद" अब मुझे आप लोगों से यही उम्मीद है की आप कभी भी इस उम्मीद का  साथ नही छोड़ेंगे!!!!!!!!!! आज स्वतंत्रता दिवस पर