आपसे मिले ये खुदा की इनायत थी , आपने चाहा ये हमारी शौहरत थी , आपको पाया हमारी बरक्कत थी , कोई नहीं इस जग में हम सा खुशनसीब , जिसके पास आपसे प्यारी दौलत थी , मिलें आपको दुनिया की हर एक खुशियाँ , खिलखिलाता रहे घर आँगन आपका सदा , बस इतनी ही है दुआ रब से, आपके दिल के छोटे से कोने में हो घर अपना। ….. -प्रियंका त्रिवेदी
अर्ज़ किया है … ज़रा गौर फरमाईयेगा … कि राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती राहों की गन्दगी घर पे दुबक कर बैठने से साफ़ नहीं होती …. और पांच रुपये की सियासी खिचड़ी से भूखों की भूख माफ़ नहीं होती … - प्रियंका त्रिवेदी …